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नागरिक सुविधाएं

डीग का परिचय

डीग राजस्थान प्रांत के भरतपुर जिले का एक प्राचीन ऐतिहासिक शहर है। इसका प्राचीन नाम दीर्घापुर था। स्कंद पुराण में दीर्घ या दीर्घापुर के रूप में इसका उल्लेख है। भरतपुर शहर से 32 किमी की दूरी पर स्थित है। डीग को भरतपुर राज्य की पहली राजधानी राजा बदन सिंह ने बनाया था। कभी भरतपुर के शासकों का ग्रीष्मकालीन आवास रहे, डीग ने क्षेत्र की भरतपुर राज्य की दूसरी राजधानी बनने की भूमिका निभाई है। यह रोचक छोटा सा नगर अपनी बेजोड किलेबंदी, अत्यधिक सुंदर बगीचों और कुछ भव्य महलों के कारण दर्शनीय है। यह नगर लगभग सौ वर्षो से उपेक्षित अवस्था में है, किंतु आज भी यहाँ भरतपुर के जाट-नरेशों के पुराने महल तथा अन्य भवन अपने भव्य सौंदर्य के लिए विख्यात हैं। नगर के चतुर्दिक मिट्टी की चहारदिवारी है और उसके चारों ओर गहरी खाई है। मुख्य द्वार ‘शाह बुर्ज’ कहलाता था। यह स्वयं ही एक गढ़ी के रूप में निर्मित था। इसकी लंबाई-चौड़ाई 50 गज़ है। प्रारंभ में यहाँ सैनिकों के रहने के लिए स्थान था। मुख्य दुर्ग यहाँ से एक मील है, जिसके चारों ओर एक सृदृढ़ दीवार है। बाहर क़िले के चतुर्दिक मार्गों की सुरक्षा के लिए छोटी-छोटी गढ़ियां बनाई गई थीं- जिनमें गोपालगढ़, जो मिट्टी का बना हुआ क़िला है, सबसे अधिक प्रसिद्ध था। 

नगर पालिका डीग

अध्यक्ष व अधिशासी अधिकारी का परिचय

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निरंजन लाल टकसालिया (अध्यक्ष)

नगर पालिका डीग की सभापति के रूप में, मैं डीग की जनता के लिए साफ़, स्वच्छ व मजबूत सड़कें, सुगम जल निकासी सुनिश्चित करना चाहती हूँ| नगर विकास की ओर अग्रसर है, ये विकास जनता के लिए समर्पित है। इस धरोहर की रक्षा करना जनता का पूर्ण कर्त्तव्य बनता है।”मेरी मेहनत आपका विश्वास जारी रहेगा क्षेत्र का विकास”

सुनील दत्त चतुर्वेदी (अधिशासी अधिकारी)

मुझे खुशी है कि मुझे नगर पालिका डीग के लोगों की सेवा करने का मौका मिला है। नगर पालिका डीग के अधिशासी अधिकारी के रूप में लोगो को बेहतर सड़क, बेहतर स्ट्रीट लाइट, स्वच्छ और सुंदर शहर, बेहतर आपूर्ति, कुशल युवा, गरीबी उन्मूलन व बुनियादी जरूरतों को पूरा करना मेरी जिम्मेदारी है|